Places of Rahu and Ketu in the home: माना जाता है की वास्तुशास्त्र हमारे जीवन को बेहतर बनाने एवं गलत चीजों से हमारी रक्षा करता है। ज्योतिष शास्त्र में राहु और केतु को छाया ग्रह माना जाता है। इनकी स्थिति का हमारे जीवन पर गहरा प्रभाव पड़ता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कुछ स्थान ऐसे होते हैं, जो राहु-केतु से जुड़े होते हैं। इन स्थानों को ठीक रखने से राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है। आइये Vastu Tips के इस आर्टिकल में जानते हैं घर में राहू केतु के स्थान कौनसे होते हैं।
Contents
राहू केतु की दिशा
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में राहु-केतु की दिशा दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) मानी जाती है। इसे नैऋत्य कोण भी कहा जाता है। यह दिशा आमतौर पर नकारात्मक ऊर्जा से जुड़ी होती है। राहू केतु की इस दिशा का हमेशा ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इस दिशा में निर्माण या साफ़ सफाई में की गई गलतियाँ बहुत भारी पड़ सकती है।
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घर में राहु का स्थान:
- शौचालय: घर में स्थित शौचालय को राहू का स्थान माना जाता है।
- अंधेरे वाला कमरा: घर में अंधेरे वाला कमरा भी राहु का स्थान माना जाता है।
- सीढ़ियां: टूटी-फूटी या गलत दिशा में बनी सीढ़ियां भी राहु का स्थान मानी जाती हैं।
घर में केतु का स्थान:
- खिड़कियां, दरवाजे, कोने और छत: घर की खिड़कियां, दरवाजे, कोने और छत को केतु का स्थान माना जाता है।
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राहु-केतु के नकारात्मक प्रभाव:
घर में अगर राहू और केतु के स्थान ठीक नहीं है और गलत दिशा में चीजें बनाई गई हैं तो ये अपना अशुभ परिणाम दिखाने लग जाते हैं जिसके कारण जीवन में कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। राहू केतू के नकारात्मक प्रभाव कुछ इस प्रकार हैं :-
- दुर्घटनाएं: राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों के कारण घर में दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
- स्वास्थ्य समस्याएं: राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों के कारण स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।
- वित्तीय समस्याएं: राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों के कारण वित्तीय समस्याएं हो सकती हैं।
- रिश्तों में तनाव: राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों के कारण रिश्तों में तनाव हो सकता है।
राहू और केतु के उपाय:
- राहु-केतु की दिशा को साफ-सुथरा रखें: राहु-केतु की दिशा को हमेशा साफ-सुथरा रखें।
- अंधेरे वाले कमरे में रोशनी की व्यवस्था करें: अंधेरे वाले कमरे में रोशनी की व्यवस्था करें।
- सीढ़ियों को ठीक करवाएं: टूटी-फूटी या गलत दिशा में बनी सीढ़ियों को ठीक करवाएं।
- खिड़कियां, दरवाजे, कोने और छत को साफ रखें: खिड़कियां, दरवाजे, कोने और छत को साफ रखें।
- राहु-केतु के मंत्रों का जाप करें: राहु-केतु के मंत्रों का जाप करें।
- राहु-केतु की दिशा में भारी सामान न रखें: राहु-केतु की दिशा में कभी भी अलमारी, भारी फर्नीचर, तिजोरी या घर में मौजूद अन्य भारी सामान भूलकर भी न रखें।
- राहु-केतु की दिशा में पूजा-पाठ न करें: राहु-केतु की दिशा यानी दक्षिण-पश्चिम दिशा में कभी भी मंदिर का निर्माण ना करें और ना ही पूजा-पाठ न करें।
निष्कर्ष: घर में राहु-केतु का स्थान जानकर ठीक कर लेना चाहिए। इससे राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है और जीवन में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
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घर में कौनसी होती है राहू केतु की दिशा?
वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में राहु-केतु की दिशा दक्षिण-पश्चिम (नैऋत्य) मानी जाती है। इसे नैऋत्य कोण भी कहा जाता है।
राहू और केतु शुभ होते हैं या अशुभ ?
राहू और केतु शुभ और अशुभ दोनों प्रकार के ही परिणाम देते हैं।
क्या वास्तु शास्त्र के उपायों से राहू केतु के दोष कम किये जा सकते हैं?
जी हाँ, वास्तु में बताये गये उपायों को आजमाकर राहू केतु के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकता है।
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